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बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

लंबा अरसा गुज़र जाता है और शायद आप लोग
 भूलने लगते होंगे तो मैं फिर कुछ न कुछ
 ले कर हाज़िर हो जाती हूँ और 
आज तो
ब्लॉग की सालगिरह भी है
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ग़ज़ल
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 सपनों में तू आया कर
स्वर्ग की सैर कराया कर

नफ़रत की चिंगारी पर 
प्रेम सुधा बरसाया कर

चाँद को पाना नामुमकिन
चातक को समझाया कर

नाउम्मीदी कुफ़्र भी है
आस के दीप जलाया कर

दिल तो ज़िद्दी बच्चा है
प्यार की बीन बजाया कर

वक़्त का पहिया घूमेगा
इतना मत इतराया कर

कमज़र्फ़ी के मारों को
आईना दिखलाया कर
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24 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग के साल गिरह पर बधाई स्वीकार करें !

    जवाब देंहटाएं


  2. ☆★☆★☆


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    आदरणीया दीदी इस्मत ज़ैदी जी
    आज आपके ब्लॉग की
    चौथी सालगिरह के अवसर पर
    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
    -राजेन्द्र स्वर्णकार
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    उत्तर
    1. चाँद को पाना नामुमकिन
      चातक को समझाया कर

      गज़ब का लिखती हैं आप , आपका यहाँ होना, ग़ज़ल के लिए वरदान है, इस्मत जी ! बधाई और आपकी ताकतवर कलम को दिल से सलाम...

      हटाएं


  3. ☆★☆★☆


    सपनों में तू आया कर
    स्वर्ग की सैर कराया कर

    नफ़रत की चिंगारी पर
    प्रेम सुधा बरसाया कर

    अद्भुत् ! अप्रतिम !
    सुंदर ग़ज़ल !
    आदरणीया दीदी इस्मत ज़ैदी जी
    बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल लिखी है आपने...
    सारे शे'र कमाल के हैं
    दिल तो ज़िद्दी बच्चा है
    प्यार की बीन बजाया कर

    ...मन मुग्ध हो गया !

    मैंने तो तब भी चक्कर लगाए हैं आपके ब्लॉग के
    जब आपको पोस्ट बदले हुए अरसा बीत जाता था ।
    एकाध बार तो मेल भेज कर / कमेंट बॉक्स में भी नई ग़ज़ल की फ़रमाइश की थी
    ...और क्यों न चक्कर काटूं , मेरी दीदी का घर है...
    :)
    दीदी के घर जाया कर
    माल-मिठाई खाया कर

    भाए उतना खा ! बाकी
    बांध के घर ले जाया कर

    गीत-ग़ज़ल-नज़्में पढ़ कर
    शिक्षा भी कुछ पाया कर

    आपा से राजेन्द्र तू सीख
    सब पर नेह लुटाया कर

    :)
    आपकी लेखनी से ऐसे ही सदैव सुंदर श्रेष्ठ सार्थक सृजन होता रहे...

    पुनः हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    मंगलकामनाओं सहित...
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  4. नाउम्मीदी कुफ़्र भी है
    आस के दीप जलाया कर
    बहुत सही सन्देश...सुन्दर ग़ज़ल है
    चौथी सालगिरह की बहुत बहुत बधाई...यानी कि हमने एक साथ ही कदम रखा था ब्लॉग जगत में .:) मेरी भी चौथी सालगिरह वाली पोस्ट लिख रखी है...पोस्ट करना बाकी है.

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  5. बहुत बहुत शुभकामनाये

    आपकी इस उम्दा रचना को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -२२ निविया के मन से में शामिल किया गया है कृपया अवलोकनार्थ पधारे

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  6. भूल जाऊं - सम्भव नहीं
    नफरत की चिंगारी पर जो प्रेम सुधा बरसाए उसकी कलम दीर्घायु होती है
    ब्लॉग की सालगिरह बधाई

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  7. वाह! छोटे बहर की बेहतरीन ग़ज़ल।

    आप को दोनो हाथों से खूब बधाइयाँ। उम्दा ग़ज़ल के लिए भी और ब्लॉग की सालगिरह के लिए भी।

    जवाब देंहटाएं
  8. सालगिरह की बहुत बहुत बधाई आंटी।


    सादर

    जवाब देंहटाएं
  9. नफ़रत की चिंगारी पर
    प्रेम सुधा बरसाया कर

    चाँद को पाना नामुमकिन
    चातक को समझाया कर

    वाह वाह वाह ....बहना सबसे पहले तो इस निहायत दिलकश हरदिल अज़ीज़ ब्लॉग की चौथी साल गिरह पर ढेरों बधाइयाँ. ब्लॉग के जन्मदिन पर आपने पाठकों को बहुत खूबसूरत ग़ज़ल का तोहफा दिया है .हर शेर सीधा दिल में उतरता चला जा रहा है। लाजवाब . दुआ करता हूँ ये ब्लॉग ऐसे ही हर साल सीढ़ी दर सीढ़ी बढ़ता हुआ नए मुकाम हासिल करता जाय।

    जवाब देंहटाएं
  10. नफ़रत की चिंगारी पर
    प्रेम सुधा बरसाया कर

    चाँद को पाना नामुमकिन
    चातक को समझाया कर

    वाह वाह वाह ....बहना सबसे पहले तो इस निहायत दिलकश हरदिल अज़ीज़ ब्लॉग की चौथी साल गिरह पर ढेरों बधाइयाँ. ब्लॉग के जन्मदिन पर आपने पाठकों को बहुत खूबसूरत ग़ज़ल का तोहफा दिया है .हर शेर सीधा दिल में उतरता चला जा रहा है। लाजवाब . दुआ करता हूँ ये ब्लॉग ऐसे ही हर साल सीढ़ी दर सीढ़ी बढ़ता हुआ नए मुकाम हासिल करता जाय।

    जवाब देंहटाएं
  11. बड़े-बड़े लेखको ने आप की कलम की तारीफ़ में लिख दिया है ...मैं तो इक अदना सा इंसान हूँ ..
    आज के समय की इस प्यारी गज़ल पर और अपने ब्लॉग के जन्म-दिन के मौके पर दिल से मुबारक काबुल फरमाएं !सेहतमंद रहें !

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  12. वक़्त का पहिया घूमेगा
    इतना मत इतराया कर
    Dekhiye vaqt ka pahiya ghoom raha hai ... Ek saal aur poora ho gaya hamen in lajawab gazlon ko padhte huye ... Bahut bahut badhai ....

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  13. चाँद को पाना नामुमकिन
    चातक को समझाया कर
    क्या बात है इस्मत.... जब भी लिखती हो, कमाल लिखती हो. बस इसी तरह लिखती रहो, और हम पढते रहें... ब्लॉग की सालगिरह पर अनन्त शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  14. सुन्दर ग़ज़ल. ब्लॉग के सालगिरह की शुभकामनायें.

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  15. सुन्दर ग़ज़ल. सालगिरह पर शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  16. नफ़रत की चिंगारी पर
    प्रेम सुधा बरसाया कर
    bahut sundar ghazal ......der ke liye kshama .....salgirah kii shubhkamnayen .

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  17. जबरदस्त है दी . सारी की सारी पंक्तियाँ . मज़ा आ गया पढ़ के .

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  18. वक़्त का पहिया घूमेगा , इतना मत इतराया कर इस खूबसूरत शेर से होते हुए इस खूबसूरत ब्लॉग की साल गिरह पर आपको ढेरों मुबारकबाद पेश करता हूँ ... लेखनी की धार यूँ ही बनी रहे ... यही कामना करते हुए इस बार की इस सुन्दर सरल काव्य रचना के लिए भी बहुत बहुत बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  19. सुन्दर ग़ज़ल. ब्लॉग के सालगिरह की शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं

ख़ैरख़्वाहों के मुख़्लिस मशवरों का हमेशा इस्तक़्बाल है
शुक्रिया