शुभकामनाएँ
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आप सभी को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं
दो छोटी छोटी रचनाएँ प्रस्तुत हैं ,,नई तो नहीं है लेकिन शायद बहुत कम लोगों की पढ़ी हुई है ,,
आप सभी को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं
मन में ज्ञान का दीप जलाकर ,
अंतर्मन से प्रश्न करें .
हम ने कैसे कर्म किए हैं ?
गर्व करें या शर्म करें?
अंतर्मन ही न्यायधीश है,
वो तो सच्ची बात कहेगा.
इस दीवाली न्यायधीश की ,
बात सुनें और कर्म करें .
२
दीपावली के नन्हे दिए सीख देते हैं
तुम ख़ुद जलो पर आंच किसी और पर न आए
सद्भावना के दीप में बाती हो प्यार की
आतंकवाद जिन के उजालों से हार जाए
बहुत खूब ..
जवाब देंहटाएं.. आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!
बहु.त सुन्दर कवितायें हैं इस्मत. अच्छा किया इन्हें पुनर्प्रकाशित करके.
जवाब देंहटाएंदीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
दिवाली पर्व है खुशिओं का, उजालों का, लक्ष्मी का, इस दिवाली आपकी जिंदगी खुशिओं से भरी हो, दुनियां उजालों से रोशन हो, घर पर माँ लक्ष्मी का आगमन हो!
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली!
सबके मन का अन्धतम मिटे, सबका जीवन सफल हो।
जवाब देंहटाएंमन में ज्ञान का दीप जलाकर ,
जवाब देंहटाएंअंतर्मन से प्रश्न करें .
wah....kya baat hai.
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंसभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
सुन्दर प्रस्तुति...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक सन्देश देती रचनाएँ
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनायें
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदिवाली, भाई दूज और नव वर्ष की शुभकामनायें
इस्मत जी
जवाब देंहटाएंसद्भावना के दीप में बाती हो प्यार की
आतंकवाद जिन के उजालों से हार जाए
बहुत शानदार इल्तिजा है ...... ! दीवाली कि शुभकामनाएं
मन में ज्ञान का दीप जलाकर ,
जवाब देंहटाएंअंतर्मन से प्रश्न करें .
हम ने कैसे कर्म किए हैं ?
गर्व करें या शर्म करें?
यही सच्ची दीपावली होगी .....
बुरे कर्म करके भले ही लाख दीप जला लें अंतर्मन में आत्मविश्वास का दीप कभी नहीं जल सकता .....
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जवाब देंहटाएं*आदरणीया आपा इस्मत ज़ैदी जी *
प्रणाम !
कुछ विलंब से ही सही , इन ख़ूबसूरत पंक्तियों को पढ़ने का आनंद मिला …
मन में ज्ञान का दीप जलाकर , अंतर्मन से प्रश्न करें
हम ने कैसे कर्म किए हैं ? गर्व करें या शर्म करें?
मेरे मन के बहुत करीब हैं आपकी रचना के भाव …
हमेशा की तरह सुंदर श्रेष्ठ सृजन के लिए हार्दिक बधाई ! शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार