सभी शिक्षकों को ’शिक्षक दिवस’ बहुत बहुत मुबारक हो
सच्ची शिक्षा वही है जिस के द्वारा मनुष्य का सर्वांगीण विकास हो
और ऐसी शिक्षा के दो सशक्त स्तंभ हैं १ -मानवता और २ -प्यार तथा स्नेह, जिन पर इस संसार का अस्तित्व टिका हुआ है,, बस इसी दूसरे स्तंभ को आधार बना कर ये कविता / नज़्म रश्मि प्रभा जी के द्वारा दिये गए विषय पर लिखी गई
प्यार क्या है ........?
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कितने वर्षों से यही इक प्रश्न
मन में गूँजता है
प्यार क्या है ?
है किसी के वास्ते ये इक शिवाला
और किसी के वास्ते है सिर्फ़ हाला
ये किसी के वास्ते वरदान है
और किसी के वास्ते बलिदान है
ढाई अक्षर
जिन में पोशीदा है
दुनिया भर का ज्ञान
ऐसा जज़्बा जिस से आए
मुर्दा रूहों में भी जान
ये कभी तो डूबती नैया का
इक पतवार है
और कभी ,अपने प्रिय का
साथ और आधार है
कोई इस को खेल समझे
कोई जीवन मान ले
कोई इस को बोझ समझे
कोई इस से ज्ञान ले
कोई करता प्यार धन से
और कोई अपने वतन से
माँ की ममता प्यार का पर्याय है
प्रेम, जीवन ग्रंथ का अध्याय है
कैसे इस को कोई भी इंसां
परिभाषित करे
और सुगंधित पुष्परूपी शब्द से
वासित करे
इस के कितने रंग
कितने रूप
कितने भाव हैं
शाश्वत है ये किसी की दृष्टि में
रोग का उपचार हो जाता है इस की वृष्टि में
प्यार दहशतगर्द को जीना सिखा दे
प्यार मानवता के हित मरना सिखा दे
नाम, दो दिल जोड़ने का प्यार है
प्यार हर रिश्ते का, इक आधार है
कितने रूपों में इसे हम देखते हैं
और फिर भी सोचते हैं
क्या इसे हम जान पाए ?
क्या इसे पहचान पाए ?
प्रश्न समक्ष फिर खड़ा है
प्यार क्या है ...?
प्यार हर रिश्ते का, इक आधार है
जवाब देंहटाएंकितने रूपों में इसे हम देखते हैं और फिर भी सोचते हैं क्या इसे हम जान पाए ?क्या इसे पहचान पाए ?प्रश्न समक्ष फिर खड़ा है प्यार क्या है ...?
bahut sahi varnan pyar ka ...gahara sagar hai pyar...!!
शाश्वत प्रश्न का शाश्वत उत्तर कैसे दिया जाए. प्रेम कीजिए, उसे महसूस कीजिए.
जवाब देंहटाएंढाई आखर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय
जवाब देंहटाएंइसी सूक्ति के आधार पर "प्यार क्या है..." काव्य में
प्यार के जज़्बे के हर पहलू को परिभाषित कर
दिखाया आपने ... वाह !
ऐसी कविता की अपनी ही गाथा होती है
अपनाही गान होता है और अपने ही पाठक होते हैं
काव्य की typology विविधता लिए हुए है
लेकिन गुनगुनाहट कहीं कम हो,
ऐसा कहीं नहीं लगता है... !!
बधाई स्वीकारें .
ढाई आखर प्रेम का..
जवाब देंहटाएंढाई अक्षरजिन में पोशीदा है दुनिया भर का ज्ञानऐसा जज़्बा जिस से आए मुर्दा रूहों में भी जानये कभी तो डूबती नैया का इक पतवार है और कभी ,अपने प्रिय का साथ और आधार है
जवाब देंहटाएंममता प्यार का पर्याय हैप्रेम, जीवन ग्रंथ का अध्याय है
कैसे इस को कोई भी इंसां परिभाषित करेऔर सुगंधित पुष्परूपी शब्द से वासित करेइस के कितने रंग कितने रूपकितने भाव हैंशाश्वत है ये किसी की दृष्टि मेंरोग का उपचार हो जाता है इस की वृष्टि मेंप्यार दहशतगर्द को जीना सिखा देप्यार मानवता के हित मरना सिखा दे नाम, दो दिल जोड़ने का प्यार है प्यार हर रिश्ते का, इक आधार है
जैदी साहिबा
इस नई शैली और नवप्रयोग से भरी रचनाधर्मिता के क्या कहने. स्वागत और सलाम।
प्रयोग के साथ चिन्तन के सारे झरोखे आपने खोले हैं जिनसे ताजा हवा आ रही है।
बहुत सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंगुरु पर्व की शुभकामनायें !
badi khoobsoorti se ukera hai ...
जवाब देंहटाएंप्यार को लेकर सवाल और जवाब का ये सिलसिला शायद कभी थमने वाला भी नहीं है...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी नज़्म है, मुबारकबाद
शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
इस्मत...वाह...बेहद खूबसूरत नज़्म कही है...दिली दाद कबूल करो...
जवाब देंहटाएंनीरज
हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू...
जवाब देंहटाएंगुलज़ार का गीत याद हो आया आपा...
आपकी ये महकती नज़्म पढ़कर ...
मगर प्रश्न फिर भी सामने ही खडा है...
प्यार क्या है....?
बढिया, बढिया बहुत बढिया :)
जवाब देंहटाएंप्यार को अनेकों रूप में अलग अलग समय पर अलग अलग तरीके और लोगों ने लिखा है पर फिर भी हर बार कुछ न कुछ नया लिखा जाता है प्यार पर ...
जवाब देंहटाएंसच है की क्या शै है ये प्यार भी ...
आदरणीया
जवाब देंहटाएंकितने रूपों में इसे हम देखते हैं
और फिर भी सोचते हैं
क्या इसे हम जान पाए ?
क्या इसे पहचान पाए ......
लाजवाब.....!! पुरकशिश नज़्म ....!!!!
खूबसूरत एहसासों से रची रचना परोसने की बधाई , ......!!!!
प्यार को अच्छी तरह परिभाषित किया है आपने अपनी कविता के ज़रिये.
जवाब देंहटाएंढाई अक्षर
जवाब देंहटाएंजिन में पोशीदा है
दुनिया भर का ज्ञान
ऐसा जज़्बा
जिस से आए
मुर्दा रूहों में भी जान
ये कभी तो डूबती नैया का
इक पतवार है और कभी ,
अपने प्रिय का साथ और आधार है
वाह बहुत सुन्दर ... सटीक विश्लेषण किया है ...
uf ye mohbbat ,kabhi farsh par to kabhi arsh par ,kabhi mushkuraye to kabhi behisaab rulaaye ,na in sang chain, na in bin chain ,jitni suljhi hai us se adhik kahi uljhi hai .rachna bahut hi pyari hai .
जवाब देंहटाएंसोचने को मजबूर करती कविता।
जवाब देंहटाएं------
....साधना बुलाती है।
मन की प्यास बुझाओ, पूरी कर दो हर अभिलाषा।
प्यार अपार है.. अनंत है.. निर्विकार है.. प्यार समस्त है..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना...
यक्ष प्रश्न है।
जवाब देंहटाएंआ जाता है, हो जाता है
पूछोगे तो कह देंगे कि
धत्त...! हमको नहीं पता।
कैसे इस को कोई भी इंसां
जवाब देंहटाएंपरिभाषित करे
और सुगंधित पुष्परूपी शब्द से
वासित करे
इस के कितने रंग
कितने रूप
कितने भाव हैं
शाश्वत है ये किसी की दृष्टि में
रोग का उपचार हो जाता है इस की वृष्टि में
प्यार दहशतगर्द को जीना सिखा दे
प्यार मानवता के हित मरना सिखा दे
नाम, दो दिल जोड़ने का प्यार है
प्यार हर रिश्ते का, इक आधार
जाकि रही भावना जैसी ...यह बात इसीलिए भक्तों और संतों और मनीषियों ने कही है.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
शिक्षक दिवस की आपको भी हार्दिक बधाई!