आज यूं तो कोई विशेष बात नहीं ,मित्रता दिवस भी नहीं ,परंतु मन के भावों के प्रकटीकरण के लिये किसी विशेष दिवस की प्रतीक्षा क्यों करूं ? आज मैं अपने मन के ये उदगार समर्पित करती हूं अपनी बेहतरीन दोस्त "वन्दना अवस्थी दुबे " को ,सर्वशक्तिमान से दुआ है कि उन का जीवन सदा प्रकाशमय रहे ,कभी कोई दुख की बदली भी न छाए ( आमीन )
तुम्हारे नाम ...............
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ऐ मेरी दोस्त ,
मेरी साथी सुन,
तू मेरे वास्ते क्या है
ये बताऊं कैसे?
ऐसे अल्फ़ाज़ बने ही नहीं शायद अब तक
जिन से मैं पेश करूं तेरे लिये अपने ख़याल
जब भी तकलीफ़ मुझे कोई हुई
तूने दी मुझ को वो हिम्मत
कि मैं सह पाऊं उसे
तू ने हर छोटी सी ख़्वाहिश
भी मेरी पूरी की
मेरी छोटी सी सफलता पे भी
तू यूं ख़ुश थी
जैसे इक मां का हो सपना पूरा
चाहे तू ख़ुद भी हो डूबी
किसी कठिनाई में
तू ने की दूर मेरी चिंताएं
हो मेरी आंख में आंसू
तो बिलक उट्ठे तू
और जो मुस्कान लबों पर देखे
खिलखिलाने लगे तू साथ मेरे
मेरे ज़ख़्मों के लिये मरहम तू
मेरी ख़ुशियों का लिये परचम तू
मेरी मुश्किल में सहारा बन कर
तू मेरे साथ रहा करती है
मेरी कमियों को बता कर तू ने
बारहा रोका मुझे ग़लती से
दोस्ती पर है मुझे नाज़ तेरी
तू है मोहसिन मेरी ,हमराज़ मेरी
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बहुत सुन्दर ....भोले से जज्बात ...जैसे दुआओं ने सर रक्खा हो किसी काँधे पर ...
जवाब देंहटाएंमोहतरमा इस्मत साहिबा,
जवाब देंहटाएंअभी कुछ दिन पहले वंदना जी ने अपने ब्लॉग पर आपकी शख़्सियत से रूबरू कराया...सब कुछ जानकर बहुत अच्छा लगा...
कि आज के दौर में इतने नेक इंसान मौजूद हैं...
इस नज़्म के ज़रिये आपने दिल के जज़्बात पेश किए है...
बहुत ही खूबसूरत नज़्म पेश करने के लिए शुक्रिया.
काश कि सभी दोस्त आप दोनों जैसे हो सकते.......
जवाब देंहटाएंआपको इस बयानी के लिए और वंदना जी को इसका जरिया बनाए के लिए दिली मुबारकबाद
मेरे ज़ख़्मों के लिये मरहम तू
मेरी ख़ुशियों का लिये परचम तू
मेरी मुश्किल में सहारा बन कर
तू मेरे साथ रहा करती है
मेरी कमियों को बता कर तू ने
बारहा रोका मुझे ग़लती से
बहुत शानदार-धारदार
खुदा इस खूबसूरत दोस्ती को नज़रे बद से हमेशा बचाए रखे ये ही दुआ करता हूँ...ऐसे खुशनुमा दोस्त बहुत किस्मत से मिला करते हैं...
जवाब देंहटाएंआप और वंदना जी मुझे एक ही सिक्के के दो पहलु लगते हैं...
सलामत रहे दोस्ताना...आपका.
नीरज
बहुत सुन्दर भाव उकेरे हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना दोस्ती के नाम, कल ही आप के बारे वंदना जी के ब्लांग पर पढ रहा था. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंजैसे खुशबू फूल में , ज्यों धड़कन सँग श्वास
जवाब देंहटाएंऐसे 'इस्मत''वंदना' , इक दूजे को रास
सच्चे दोस्तों को
सच्ची दोस्ती मुबारक .
मेरे ज़ख़्मों के लिये मरहम तू
जवाब देंहटाएंमेरी ख़ुशियों का लिये परचम तू
कितनी सादगी और सच्चाई है आपके अलफ़ाज़ में...मन के भावों को इतने सुन्दर शब्द दिए हैं...
भाग्यशाली है,वंदना...और आप भी...कि ख़ुदा ने दोस्ती की ऐसी नेमत अदा की है आप दोनों को.
बस दोस्ती का ये परचम ऐसे ही लहराता रहें...दिल की गहराइयों से ये दुआ है.
भगवान ता-उम्र इस दोस्ती को बनाये रखे।
जवाब देंहटाएंमेरे ज़ख़्मों के लिये मरहम तू
जवाब देंहटाएंमेरी ख़ुशियों का लिये परचम तू
मेरी मुश्किल में सहारा बन कर
तू मेरे साथ रहा करती है
मेरी कमियों को बता कर तू ने
बारहा रोका मुझे ग़लती से
दोस्ती पर है मुझे नाज़ तेरी
तू है मोहसिन मेरी ,हमराज़ मेरी
प्यार हो तो ऐसा। इस दोस्ताने की सलामती के लिये हम भी दुया करते हैं। हार्दिक शुभकामनायें।
:)
जवाब देंहटाएंoh aapaa...!
अरे!!
जवाब देंहटाएंये क्या लिख डाला तुमने? अब मैं क्या कहूं? कुछ कहने लायक छोड़ा ही नहीं. मैने तो कभी कुछ किया ही नहीं, और तुमने इतना कुछ किया जाना बता दिया.... इतना गुणगान? इतनी तारीफ़ के लायक नहीं हूं मैं.
तुम्हें खुश देख के, तुम्हें आगे और आगे बढते देख के मुझे बहुत खुशी होती है, तो यहां भी तो स्वार्थ शामिल हो गया न? तुम्हारी खुशी के लिये की गई दुआओं में मैं अपनी खुशी ही ढूंढती हूं न?
और हां, तुम्हारी ये पंक्तियां मैं अपनी तरफ़ से तुम्हें भेंट कर रही हूं :)
"दोस्ती पर है मुझे नाज़ तेरी
तू है मोहसिन मेरी ,हमराज़ मेरी"
आमीन.
हमारी दोस्ती के लिये दुआएं करने और शुभकामनाएं देने के लिए आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया ,आप की इस भावना ने मुझे भाव विभोर कर दिया,हम दोनों ख़ुशक़िस्मत हैं कि जिन की दोस्ती की सलामती के लिये इतने हाथ उठे हों
जवाब देंहटाएंआदरणीया इस्मत जी,
जवाब देंहटाएंवैसे तो दुनिया जहाँ के इतने रिश्ते है जो जन्म से मिले होते है लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो इंसान खुद बनाता है ....यह ज़स्बा प्रेम, समर्पण, सहियोग और विश्वास की वो मिसाल है जो अक्सर जिंदगी का बहुत ही खुबसूरत और महत्वपूर्ण पहलू बन जाता है ....इस रिश्ते की यही खूबी आज आप दोनों की दोस्ती में भी दिखाई दी ....कहते है सच्चा मित्र और गुरु मिल जाना ईश्वर कृपा के साक्षात् दर्शन है ...आप दोनों ही बहुत भाग्यशाली है . ईश्वर से दिल से प्रार्थना है आपका यह स्नेह सतत, अथाह बना रहे !
मेरे ज़ख़्मों के लिये मरहम तू
जवाब देंहटाएंमेरी ख़ुशियों का लिये परचम तू
मेरी मुश्किल में सहारा बन कर
तू मेरे साथ रहा करती है
मेरी कमियों को बता कर तू ने
बारहा रोका मुझे ग़लती से
बहुत अच्छा लगा आपको पढ़ना और इस दोस्ती के बारे में जानना
आपकी दोस्ती की भावना बेमिसाल है ... सलाम है ऐसी मासूम भावना पर ....
जवाब देंहटाएंवंदना जी और आप दोनो की दोस्ती सलामत रहे ....
ऐसी दोस्ती विरलों को ही मिलती है, ऐसा सौभाग्य जो किसी आशीष की तरह उतरा है आप दोनों की जिंदगियों में वो यूं ही सितारों सा जगमगाते रहे और हम सब को ऐसे दोस्त बनने और दोस्ती निभाने को प्रेरित करते रहें. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
इस्मत जी, आपकी नज्म पढ कर दिल में एक खलिश सी उठ रही है, काश मेरा भी कोई ऐसा दोस्त होता।
जवाब देंहटाएं---------
सुनामी: प्रलय का दूसरा नाम।
चमत्कार दिखाऍं, एक लाख का इनाम पाऍं।
आपकी पुरानी नज्में देख रहा था. तुम्हारे नाम..... नज़्म बहुत अच्छी लगी. इस्मत जी! कुछ रिश्ते जन्म के साथ विरासत में मिलते हैं, कुछ सरोकारों के जरिये बनते हैं. कुछ ज़रुरत के हिसाब से बनाये जाते हैं. लेकिन दोस्ती का रिश्ता सीधे दिल से बनता है इसीलिए सब रिश्तों से ऊपर होता है. सच्चे दोस्त बहुत नसीब से मिलते हैं. आप खुशकिस्मत हैं की आपको वंदना जी जैसी दोस्त मिलीं. आपकी दोस्ती क़यामत तक कायम रहे. यही मेरी कामना है.
जवाब देंहटाएं----देवेन्द्र गौतम