मालिक तेरी अताओं की हद क्या करूँ बयाँ++ वो भी दिया कि जिस का था वह्म ओ गुमाँ नहीं
बहुत सुन्दर पंक्तियां हैं इस्मत. बधाई.
सभी को दिवाली की शुभ कामनाएं ........
अच्छा है। अब तो फ़िर आने वाली है दीवाली।
ख़ैरख़्वाहों के मुख़्लिस मशवरों का हमेशा इस्तक़्बाल है शुक्रिया
बहुत सुन्दर पंक्तियां हैं इस्मत. बधाई.
जवाब देंहटाएंसभी को दिवाली की शुभ कामनाएं ........
जवाब देंहटाएंअच्छा है। अब तो फ़िर आने वाली है दीवाली।
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