होली के शुभ अवसर पर एक गीत प्रस्तुत है
आप सभी को होली बहुत बहुत मुबारक हो
होली नफ़रत से इंकार
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है होली रंगों का त्योहार
ये रंग बाँटे हैं सब में प्यार
न इन में द्वेष घोलना
ये सुंदर भावों का संचार
है इक दूजे की ये मनुहार
न इन में द्वेष घोलना
है होली नफ़रत से इंकार
दिलों के बीच न हो व्यापार
न इन में द्वेष घोलना
है पिचकारी वो प्रेम की धार
गिरा दे नफ़रत की दीवार
न इन में द्वेष घोलना
हैं इन रंगों के अर्थ हज़ार
नहीं हैं केवल ये बौछार
न इन में द्वेष घोलना
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