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रविवार, 20 मार्च 2011

........ होली नफ़रत से इंकार

होली के शुभ अवसर पर एक गीत प्रस्तुत है 
आप सभी को होली बहुत बहुत मुबारक हो 

होली नफ़रत से इंकार
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है होली रंगों का त्योहार
ये रंग बाँटे हैं सब में प्यार

न इन में द्वेष घोलना

ये सुंदर भावों का संचार
है इक दूजे की ये मनुहार

न इन में द्वेष घोलना

है होली नफ़रत से इंकार
दिलों के बीच न हो व्यापार

न इन में द्वेष घोलना

है पिचकारी वो प्रेम की धार
गिरा दे नफ़रत की दीवार

न इन में द्वेष घोलना

हैं इन रंगों के अर्थ हज़ार
नहीं हैं केवल ये बौछार

न इन में द्वेष घोलना

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