tag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post8967614808574983817..comments2023-07-06T18:51:05.270+05:30Comments on शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : सैलाब मेरी आँखों में..........इस्मत ज़ैदीhttp://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-49296240972269742192010-10-09T11:44:02.612+05:302010-10-09T11:44:02.612+05:30बहुत ही अच्छा लिखा है। इसी बहाने कई शब्दों के अर्थ...बहुत ही अच्छा लिखा है। इसी बहाने कई शब्दों के अर्थ समझ में आ गये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-15395065061384356862010-09-04T17:58:24.898+05:302010-09-04T17:58:24.898+05:30कुछ शब्दों के मायने नहीं पता थे। अर्थ से मिलाकर पढ़...कुछ शब्दों के मायने नहीं पता थे। अर्थ से मिलाकर पढ़ा तो बहुत बहुत अच्छे लगे शेर। गौतम राजरिशी की टिप्पणी बहुत अच्छी लगी। ये वाला शेर बहुत उम्दा लगा:<br /><br /><b>मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं<br />और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों में</b><br />इसके इस तरह से अपने लिये याद कर लेते हैं-<br /><br /><b>बेचैन होता हूं पर होंठ ही नहीं खुलते हैं<br />और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों में</b>अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-47794774772639126312010-06-07T11:27:25.822+05:302010-06-07T11:27:25.822+05:30मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब
फिर भी कुछ...मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब<br />फिर भी कुछ ढूंढेंगे अह्बाब मेरी आँखों में<br /><br />सुभान अल्लाह...जोरे कलम और जियादा <br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-10388200831472581882010-05-13T02:12:56.726+05:302010-05-13T02:12:56.726+05:30some really heart touching lines. it feels great t...some really heart touching lines. it feels great to get an opportunity to read something so meaningful and artistic at the same time but to find it unanimously appreciated is even better. congratulations!!zeba zaidihttps://www.blogger.com/profile/03479986175408754163noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-87201155737010330172010-04-14T21:20:45.729+05:302010-04-14T21:20:45.729+05:30अपनी उम्मीदों की ये जोत जलाए रखना
हैं ’शेफ़ा’ जीने...अपनी उम्मीदों की ये जोत जलाए रखना<br />हैं ’शेफ़ा’ जीने के असबाब मेरी आँखों में<br /><br />bahut shaandaar gazal ..<br /><br />ye sher khas pasand aayaश्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-13344230840873065712010-04-14T09:40:17.739+05:302010-04-14T09:40:17.739+05:30AAP BAHUT SHANDAR LIKHTY HAI..AAP KI PRASHANSA TO ...AAP BAHUT SHANDAR LIKHTY HAI..AAP KI PRASHANSA TO BAHUT PAHALE SE SUNATI CHALY AA RAHI HOO..priyadarshinihttps://www.blogger.com/profile/09926652534587817667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-28776358682689260342010-04-14T08:38:02.137+05:302010-04-14T08:38:02.137+05:30वाह , दिले नादाँ की तड़प हम समझ सकते हैं ....और वो ...वाह , दिले नादाँ की तड़प हम समझ सकते हैं ....और वो ब्लॉग पर लिखा ...जमीर बचाए रखना .....तो फिर चोटों से भी बचाए रखना ........शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-17883255212812731692010-04-13T17:22:15.993+05:302010-04-13T17:22:15.993+05:30Aapke is blog par pahlee baar aayaa
hoon.Aapkee ga...Aapke is blog par pahlee baar aayaa<br />hoon.Aapkee gazal padhkar bahut <br />achchha lagaa hai.Sabhee ashaar ek<br />se badh kar ek hain.Mubaarak<br /> wwww.gavaksh.blogspot.com par<br />meree kripya gazalen padhiyega.PRAN SHARMAhttp://mahavirsharma.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-3583935702997426952010-04-13T13:23:24.841+05:302010-04-13T13:23:24.841+05:30बढिया गजल...शुभकामनायें.बढिया गजल...शुभकामनायें.अंजना https://www.blogger.com/profile/07031630222775453169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-71547350553240122832010-04-11T22:59:40.067+05:302010-04-11T22:59:40.067+05:30मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब
फिर भी कुछ...मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब<br />फिर भी कुछ ढूंढेंगे अह्बाब मेरी आँखों में<br /><br /><br />soch rahe hain...<br />is she'r mein aisi kyaa baat hai...??<br /><br />ye itnaa khoobsoorat kyun hai...?manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-35484433099014771262010-04-11T16:24:02.846+05:302010-04-11T16:24:02.846+05:30behad khoobsoorat gazal..behad khoobsoorat gazal..Dr.Ajmal Khanhttps://www.blogger.com/profile/13002425821452146623noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-86421871695714412302010-04-09T11:52:57.424+05:302010-04-09T11:52:57.424+05:30बहुत बढ़िया और शानदार ग़ज़ल लिखा है आपने जो काबिले...बहुत बढ़िया और शानदार ग़ज़ल लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! इस उम्दा ग़ज़ल के लिए बधाइयाँ!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-79316837408993492162010-04-05T10:57:09.376+05:302010-04-05T10:57:09.376+05:30मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं
और बिखर...मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं<br />और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों में<br />वाह जी वाह क्या मुकम्मल फ़रमाया है आपने ..........रदीफ़-काफिया सब कुछ बेमिसाल -बेनजीर ! शुक्रिया !Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-62099238399198401162010-04-04T23:55:29.923+05:302010-04-04T23:55:29.923+05:30पढकर जो महसूस होता है उसे कहना आसान नहीं इसीलिए &q...पढकर जो महसूस होता है उसे कहना आसान नहीं इसीलिए "बहुत खूब" से काम चला लेते हैं । <br /><br />मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं<br />और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों मेंअर्कजेशhttp://www.arkjesh.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-57249350588255246462010-04-04T20:59:10.839+05:302010-04-04T20:59:10.839+05:30आपकी ग़ज़लें पढ़ता हूँ तो अपनी तुच्छता का बोध होता है...आपकी ग़ज़लें पढ़ता हूँ तो अपनी तुच्छता का बोध होता है। खामखा इतराता रहता हूं अपने लिखे शेरों पर...और "मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं/ और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों में" जैसे शेर मुझे लाजवाब कर जाते हैं, मेरे इतराने को धता बताते हुये।<br /><br />god bless u...keep it up!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-70377270715850596132010-04-02T15:27:54.330+05:302010-04-02T15:27:54.330+05:30बेहतरीन गज़ल........बेहतरीन गज़ल........anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-23564592533320964062010-04-02T14:38:55.868+05:302010-04-02T14:38:55.868+05:30मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं
और बिखर...मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं<br />और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों में<br /><br />इंसान के मन की जद्दो-जेहद को बाखूबी उतरा है आपने ... सच में कुछ ख्वाब ऐसे ही टूट जाते हैं ...<br />बहुत ही लाजवाब शेर हैं इस पूरी ग़ज़ल में ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-68654579600993669302010-04-02T07:55:49.246+05:302010-04-02T07:55:49.246+05:30मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब
फिर भी कुछ...मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब<br />फिर भी कुछ ढूंढेंगे अह्बाब मेरी आँखों में<br />..behatariin sher. badhai.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-60915028560325820562010-04-01T22:08:25.907+05:302010-04-01T22:08:25.907+05:30इस्मत जी !
मैं ग़ज़ल के बारे कुछ भी नहीं जानता ! ...इस्मत जी !<br />मैं ग़ज़ल के बारे कुछ भी नहीं जानता ! मगर आम आदमी के रूप में यह एक बेहतरीन ग़ज़ल है !<br />शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-8947277208822869912010-04-01T19:26:56.604+05:302010-04-01T19:26:56.604+05:30bahut acchee gazal..........
badhai...mubarakvad ...bahut acchee gazal..........<br /><br />badhai...mubarakvad kabool kare.Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-59705899219183970902010-04-01T19:24:27.881+05:302010-04-01T19:24:27.881+05:30तो........
मुहतिरमा इस्मत ज़ैदी की क़लम से निकला
...तो........<br />मुहतिरमा इस्मत ज़ैदी की क़लम से निकला <br />एक और जादू,,, एक और कमाल .....<br /><br />"मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं<br /> और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों में" <br /><br />बेबसी , मजबूरी , और बेकली के आलम और <br />इंसान के मन की कशमकश को लफ़्ज़ों में <br />ऐसी आसानी से बयान कर पाना.... <br />कमाल ही तो है <br /><br />और <br />ये शेर..... <br />"मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब<br /> फिर भी कुछ ढूंढेंगे अह्बाब मेरी आँखों में..." <br /><br />किसी भी तरह के तजस्सुस और अंदेशे में इक <br />अजीब-सा रिश्ता क़ाइम करता हुआ <br />लाजवाब , कामयाब और शानदार शेर ...<br />इंसानी फ़ित्रत को तफ़्सील से समझाता हुआ ये शेर खुद अपने आप को पढ़वा रहा है...<br /><br />और खुलासा ये कि आस का दामन थामे रहना ही सुकून बख्शता है यानी ये शेर ....<br /><br />"अपनी उम्मीदों के ये दीप जलाए रखना <br /> है 'शेफा' जीने के असबाब मेरी आँखों में.." <br /><br />ज़बान-औ-बयान और मआनि-औ-मतालिब के एतबार से ये ग़ज़ल <br />आपकी कुव्वत-ए-फ़िक्र <br />व् कुहना मशकी की दलील है <br /><br />मुबारकबाद .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-90992197255148673252010-04-01T18:24:19.620+05:302010-04-01T18:24:19.620+05:30मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब
फिर भी कुछ...मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब<br />फिर भी कुछ ढूंढेंगे अह्बाब मेरी आँखों में<br /><br /><br />kya baat hai......madam...ek ek alfaaz laajawab!!!!!<br /><br />padhkar maza aa gayaCS Devendra K Sharma "Man without Brain"https://www.blogger.com/profile/14027886343199459617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-66992039851847182302010-04-01T17:58:20.840+05:302010-04-01T17:58:20.840+05:30आ गया कैसा ये सैलाब मेरी आँखों में
सारे मंज़र हुए ...आ गया कैसा ये सैलाब मेरी आँखों में<br />सारे मंज़र हुए ग़रक़ाब मेरी आँखों में<br /><br /><br />क्यों नहीं अब मेरी उम्मीद की शम’एं रौशन<br />क्यों मचलते नहीं अब ख़्वाब मेरी आँखों में<br /><br /><br />मैं ने गर दे भी दिए सारे सवालों के जवाब<br />फिर भी कुछ ढूंढेंगे अह्बाब मेरी आँखों में<br /><br /><br />कोई आया ना बचाने मुझे मैं बेबस था<br />थी फ़क़त अश्कों की अहज़ाब मेरी आँखों में<br /><br /><br />मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं<br />और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों में<br /><br /><br />अपनी उम्मीदों की ये जोत जलाए रखना<br />हैं ’शेफ़ा’ जीने के असबाब मेरी आँखों में<br />laazwaab ,hum to kuchh kahne ke kabil hi nahi hai ,magar dil ko chhoo gayi ,mujhe bhi ye mukammal gazal lagi ,beautifulज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-1184201630989825082010-04-01T17:54:39.605+05:302010-04-01T17:54:39.605+05:30अपनी उम्मीदों की ये जोत जलाए रखना
हैं ’शेफ़ा’ जीने...अपनी उम्मीदों की ये जोत जलाए रखना<br />हैं ’शेफ़ा’ जीने के असबाब मेरी आँखों में<br />तुम्हारी गज़ल पर जब बड़े-बड़े फ़नकार नि:शब्द हैं तो हमारी क्या औकात है? :) सचमुच बहुत-बहुत उम्दा गज़ल. सभी शेर बहुत सुन्दर लेकिन मुझे सबसे अच्छा लगा-<br />अपनी उम्मीदों की ये जोत जलाए रखना<br />हैं ’शेफ़ा’ जीने के असबाब मेरी आँखों में<br />बधाई. यूं ही लिखती रहो और हम पढते रहें.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-24534838226883900262010-04-01T17:08:30.787+05:302010-04-01T17:08:30.787+05:30इस्मत,
एक और उम्दा ग़ज़ल कही है तुमने ! आँखों में ...इस्मत,<br />एक और उम्दा ग़ज़ल कही है तुमने ! आँखों में आसुओं के सैलाब का सबब मालूम हुआ ! हाँ, कोई नहीं आता इन आंसुओं को पोछने, अपने गम ही रहबर बनते हैं ! तमाम अशार मुतासिर करते है, खासकर ये दोनों :<br />मुज़्तरिब होता हूं पर लब ही नहीं खुलते हैं<br />और बिखर जाता है हर ख़्वाब मेरी आँखों में<br /><br /><br />अपनी उम्मीदों की ये जोत जलाए रखना<br />हैं ’शेफ़ा’ जीने के असबाब मेरी आँखों में !<br />जीने के असबाबों पे पकड़ बनी रहे ! यही कामना !<br />सस्नेह--आ.आनन्द वर्धन ओझाhttps://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.com