tag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post8192438076527326233..comments2023-07-06T18:51:05.270+05:30Comments on शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : ..............वो इक ज़िया ही नहींइस्मत ज़ैदीhttp://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comBlogger44125tag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-16820802874452423262010-11-27T06:40:13.527+05:302010-11-27T06:40:13.527+05:30बहुत अच्छी गज़ल..
आपने मुश्किल अलफ़ाज़ के मतलब बता कर...बहुत अच्छी गज़ल..<br />आपने मुश्किल अलफ़ाज़ के मतलब बता कर आसान कर दिया..<br />मतला बहुत अच्छा लगा. "ज़मीर शर्म से खाली है.." सोचने पर मजबूर करता है.<br />"तख्युल्लात की परवाज़.." और "वगैर इल्म के.." वाले शेर भी बहुत भाये.Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-8545695192201135942010-10-24T19:08:00.582+05:302010-10-24T19:08:00.582+05:30तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका
परिंद जब ये उड़ा ...तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका<br />परिंद जब ये उड़ा फिर कहीं रुका ही नहीं<br />बहुत खूबS.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-59410479061775513612010-10-18T06:40:08.204+05:302010-10-18T06:40:08.204+05:30ब्लॉग की सालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो....
ऐसे ही आ...ब्लॉग की सालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो....<br /><br />ऐसे ही आप लिखती रहें और हमें बेहतरीन रचनाएं मिलती रहें पढने को...<br />बहुत ही सुन्दर..................<br /><br /><br /><br />चन्द्र मोहन गुप्तMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-14584616916032113962010-10-17T16:35:41.816+05:302010-10-17T16:35:41.816+05:30सालगिरह की मुबारकवाद कबूल फरमाए ...
मोहतरमा वंदना ...सालगिरह की मुबारकवाद कबूल फरमाए ...<br />मोहतरमा वंदना जी के ब्लॉग से होते हुए यहाँ पहुंचा हूँ ...<br />आकर बहुत खुशी हुई कि इतना अच्छा ब्लॉग मिल गया ... और दुःख हुआ कि अब तक क्यूँ नहीं मिला था ...<br />आपका सफर यूँ ही ज़ारी रहे ...<br />ग़ज़ल बेहतरीन है ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-42010126901815045052010-10-17T09:08:17.439+05:302010-10-17T09:08:17.439+05:30साल पूरा करने की बधाई।साल पूरा करने की बधाई।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-53146201580473202192010-10-15T21:39:20.999+05:302010-10-15T21:39:20.999+05:30शरद भाई के ब्लाग से आपके ब्लाग तक पहुंचा। अच्छा...शरद भाई के ब्लाग से आपके ब्लाग तक पहुंचा। अच्छा लगा यहां आकर। ब्लाग की सालगिरह की बहुत बहुत बधाई।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-32063167099820007482010-10-15T21:05:27.058+05:302010-10-15T21:05:27.058+05:30"ज़मीर शर्म से ख़ाली हैं ,दिल मुहब्बत से
हम ..."ज़मीर शर्म से ख़ाली हैं ,दिल मुहब्बत से <br />हम इरतेक़ा जिसे कहते हैं, इरतेक़ा ही नहीं<br />तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका<br />परिंद जब ये उड़ा फिर कहीं रुका ही नहीं<br />ग़म ए जहां पे नज़र की तो ये हुआ मालूम<br />जफ़ा जो हम ने सही ,वो कोई जफ़ा ही नहीं<br />बग़ैर इल्म के ज़ुलमत कदा है ज़ह्न मेरा<br />जो कर दे फ़िक्र को रौशन ,वो इक ज़िया ही नहीं"<br /><br />खूबसूरत अहसासों को पिरोती हुई एक सुंदर गजल. आभार.<br />सादर <br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-28212599839887455022010-10-15T13:02:09.008+05:302010-10-15T13:02:09.008+05:30ज़मीर शर्म से ख़ाली हैं ,दिल मुहब्बत से
हम इरतेक़...ज़मीर शर्म से ख़ाली हैं ,दिल मुहब्बत से <br />हम इरतेक़ा जिसे कहते हैं, इरतेक़ा ही नहीं<br /><br />तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका<br />परिंद जब ये उड़ा फिर कहीं रुका ही नहीं<br /><br />"ग़म ए जहां पे नज़र की तो ये हुआ मालूम<br />जफ़ा जो हम ने सही ,वो कोई जफ़ा ही नहीं"<br />हर एक शेर लाजवाब। आपकी गज़लों की फैन हूँ। काश कि मुझे भी उर्दू आती होती। उर्दू जुबान मे गज़ल की खूबसूरती ही कुछ और होती है। बधाई आपको ब्लाग की सालगिरह के लिये। ये सफर निरन्तर चलता रहे। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-65887693457676390712010-10-14T10:49:23.830+05:302010-10-14T10:49:23.830+05:30ग़ज़ल की तारीफ़ के लिए अल्फाज़ नहीं मिल रहे आपा...
ज़...ग़ज़ल की तारीफ़ के लिए अल्फाज़ नहीं मिल रहे आपा...<br /><br />ज़फा जो हमने सही वो कोई जाफा ही नहीं.....<br /><br />पढ़कर कुछ कहते नहीं बन रहा..... सच में...शे'र कहना कोई आपसे सीखे आपा...<br /><br /><br />ज़मीर शर्म से ख़ाली हैं ,दिल मुहब्बत से<br />हम इरतेक़ा जिसे कहते हैं, इरतेक़ा ही नही<br /><br />सच में..शेर जैसे ही शे'र हैं..manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-62665549413406381872010-10-13T11:26:28.611+05:302010-10-13T11:26:28.611+05:30यह तो बहुत प्यारी ग़ज़ल है..अच्छी लगी.यह तो बहुत प्यारी ग़ज़ल है..अच्छी लगी.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-41152796620152737022010-10-13T10:35:55.641+05:302010-10-13T10:35:55.641+05:30Ismat Ji,
Bahut khoobsurat ghazals hai, maza aa ga...Ismat Ji,<br />Bahut khoobsurat ghazals hai, maza aa gaya .....<br />ग़म ए जहां पे नज़र की तो ये हुआ मालूम<br />जफ़ा जो हम ने सही ,वो कोई जफ़ा ही नहीं<br />बग़ैर इल्म के ज़ुलमत कदा है ज़ह्न मेरा<br />जो कर दे फ़िक्र को रौशन ,वो इक ज़िया ही नहीं<br />Surinder Ratti<br />MumbaiSURINDER RATTIhttps://www.blogger.com/profile/16463726937474940326noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-4857269475621415742010-10-13T08:47:27.340+05:302010-10-13T08:47:27.340+05:30आपके ब्लॉग पे आपकी ग़ज़ल पढ़ी.किस किस शेर की तारीफ...आपके ब्लॉग पे आपकी ग़ज़ल पढ़ी.किस किस शेर की तारीफ करूं. हर शेर लाजवाब है.<br /><br />दरीचे ज़हनों के खुलने की इब्तिदा ही नहीं<br />जो उट्ठे हक़ की हिमायत में वो सदा ही नहीं<br /><br />ज़मीर शर्म से ख़ाली हैं ,दिल मुहब्बत से <br />हम इरतेक़ा जिसे कहते हैं, इरतेक़ा ही नहीं<br /><br />मतला और दूसरा शेर पढ़ते ही तबीयत खुश हो गई. वाह-वाह-वाह.<br />आपने मेरे ब्लॉग पर मेरी ग़ज़ल पढ़ी,सराहना की.धन्यवाद.<br />उम्मीद है ब्लॉग पर मिलते रहेंगे.<br /><br />कुँवर कुसुमेशKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-42974376822873097432010-10-13T07:24:00.137+05:302010-10-13T07:24:00.137+05:30आपका नाम सुना था पिछले दशक से अच्छा लिखने वालों मे...आपका नाम सुना था पिछले दशक से अच्छा लिखने वालों में आप पहली पंक्ति में आती हैं। आज वंदनाजी के जरिए आपसे परिचय हो गया था, मेरा सौभाग्य। ब्लॉग पर आपको पढ़ना एक सुखद अनुभूति है। ब्लॉग के एक साल पूरा होने पर आपको बधाई। गज़ल के बारे में टिप्पणी करने का अख्तियार मेरे पास नहीं। पढ़ने का सुख ले रहा हूं इसका वर्णण करना संभव नहीं।Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-5142877184954072982010-10-12T23:30:52.378+05:302010-10-12T23:30:52.378+05:30blog ki saalgirah mubaarak ...
fir aate hain kal....blog ki saalgirah mubaarak ...<br /><br />fir aate hain kal...<br /><br />:)manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-41984561994667526722010-10-12T21:06:26.401+05:302010-10-12T21:06:26.401+05:30ब्लॉग की वर्षगांठ की बहुत बधाई एवं मंगलकामनाएँ.
...ब्लॉग की वर्षगांठ की बहुत बधाई एवं मंगलकामनाएँ.<br /><br /><br />बहुत उम्दा गज़ल!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-13674764316062007362010-10-12T16:33:48.030+05:302010-10-12T16:33:48.030+05:30तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका
परिंद जब ये उड़ा ...तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका<br />परिंद जब ये उड़ा फिर कहीं रुका ही नहीं<br /><br />सबसे पहले तो एक वर्ष पूरा होने पर बधाई .... आपका ग़ज़लों और नज़्म भरा सफ़र बहुत लाजवाब रहा ... ईश्वर ऐसे ही आपको लिखने की प्रेरणा देता रहे ...<br /><br />इस लाजवाब और खूबसूरत ग़ज़ल में गहरे ख्यालात हैं .... हर शेर का अंदाज़े-बयाँ अलग है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-61064181021003021392010-10-12T15:37:27.441+05:302010-10-12T15:37:27.441+05:30और हाँ ब्लॉगिंग में एक साल पूरा होने के मौके पर दि...और हाँ ब्लॉगिंग में एक साल पूरा होने के मौके पर दिली मुबारकबाद ..!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-16612776989174487752010-10-12T15:36:19.495+05:302010-10-12T15:36:19.495+05:30तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका
परिंद जब ये उड़ा ...तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका<br />परिंद जब ये उड़ा फिर कहीं रुका ही नहीं<br />बहुत खूब ......!!<br />ग़म ए जहां पे नज़र की तो ये हुआ मालूम<br />जफ़ा जो हम ने सही ,वो कोई जफ़ा ही नहीं<br /><br />क्या बात है ......!!<br />आप की बात पे याद आ गया पापा अक्सर कहा करते थे दूसरों के दर्द की और देखो तो अपना हमेशा कम लगेगा .....<br /><br />बग़ैर इल्म के ज़ुलमत कदा है ज़ह्न मेरा<br />जो कर दे फ़िक्र को रौशन ,वो इक ज़िया ही नहीं<br />इस्मत ज़ैदी साहिबा आपकी लेखनी की तो हमेशा कद्रदान रही हूँ ...बस इधर समय की कुछ कमी लगी रही जो आना न हो सका ....<br />दुआ है आपको वो ज़िया नसीब हो .....जो आपके फ़िक्र को रौशन कर दे .....!!<br /><br /><br />हाँ तस्वीर बड़ी प्यारी है .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-14934010535650411202010-10-12T14:59:19.948+05:302010-10-12T14:59:19.948+05:30sabse pahle to blogjagat em varsh poore karne par ...sabse pahle to blogjagat em varsh poore karne par badhai ....<br /><br />ek behad muda ghazaal kahi hai aapne...स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-14188783122600296232010-10-12T14:38:20.098+05:302010-10-12T14:38:20.098+05:30अनामिका जी आप ब्लॉग पर आईं ,धन्यवाद
मैने इरतेक़ा ...अनामिका जी आप ब्लॉग पर आईं ,धन्यवाद <br />मैने इरतेक़ा का मतलब दिया है वहां इस का मतलब है तरक़्क़ी ,विकास ,प्रगतिइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-49413361949507961722010-10-12T13:44:00.766+05:302010-10-12T13:44:00.766+05:30बहुत सुंदर गज़ल.
गज़ल का ये शेर
ग़म ए जहां पे ...बहुत सुंदर गज़ल.<br /><br />गज़ल का ये शेर <br /><br /><br />ग़म ए जहां पे नज़र की तो ये हुआ मालूम<br />जफ़ा जो हम ने सही ,वो कोई जफ़ा ही नहीं<br /><br />बहुत पसंद आया.<br /> <br />इर्तेका का मतलब भी बताते तो अच्छा लगता.<br /><br />ब्लॉग की सालगिरह मुबारक.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-18384519255018732132010-10-12T11:05:22.423+05:302010-10-12T11:05:22.423+05:30ब्लॉग की सालगिरह मुबारक हो…………………बेहद सुन्दर गज़ल्।...ब्लॉग की सालगिरह मुबारक हो…………………बेहद सुन्दर गज़ल्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-73021794508836248982010-10-12T11:00:30.257+05:302010-10-12T11:00:30.257+05:30आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया कि इस ब्लॉग पर आप सब ...आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया कि इस ब्लॉग पर आप सब की तशरीफ़ आवरी हुई ,<br />यहां तशरीफ़ ला कर आप ने मुझे जो इज़्ज़त बख़्शी है <br />उस के लिये ममनून हूं ,<br />उम्मीद है आइंदा भी आप का स्नेह और आशीर्वाद मुझे मिलता रहेगा <br />धन्यवादइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-42396106279160820612010-10-12T10:53:08.785+05:302010-10-12T10:53:08.785+05:30ज़मीर शर्म से खाली है , दिल मुहब्बत से'
हम इर्...ज़मीर शर्म से खाली है , दिल मुहब्बत से'<br /> हम इर्तिका जिसे कहते हैं इर्तिका ही नहीं।<br /><br />बेहतरीन शे'र , ख़ूबसूरत गज़ल्। मुबारकबाद।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-18182366803531988242010-10-12T10:18:58.189+05:302010-10-12T10:18:58.189+05:30तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका
परिंद जब ये उड़ा ...तख़य्युलात की परवाज़ कौन रोक सका<br />परिंद जब ये उड़ा फिर कहीं रुका ही नहीं<br />बहुत सुन्दर रचना <br />बेहतरीनM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com