tag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post5716019994673217527..comments2023-07-06T18:51:05.270+05:30Comments on शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : jazb e watanइस्मत ज़ैदीhttp://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-87528308121007550752011-12-20T19:36:33.721+05:302011-12-20T19:36:33.721+05:30behtareen lekhan aur manpasand gaaytri mantr.behtareen lekhan aur manpasand gaaytri mantr.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-62588456463298131102011-12-20T18:52:19.899+05:302011-12-20T18:52:19.899+05:30वास्तव मे सहेजे जाने योग्य्……सार्थक अभिव्यक्ति।वास्तव मे सहेजे जाने योग्य्……सार्थक अभिव्यक्ति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-58281288639593062502011-12-20T13:34:04.247+05:302011-12-20T13:34:04.247+05:30बेहतरीन लिखा है आपने।
सादर
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जो मेरा मन कह...बेहतरीन लिखा है आपने। <br /><br />सादर <br />-----<br /><a href="http://jomeramankahe.blogspot.com" rel="nofollow"> जो मेरा मन कहे </a> पर आपका स्वागत हैYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-45857417643238317082011-12-18T22:06:49.353+05:302011-12-18T22:06:49.353+05:30तेरे आक़ा ने कहा तुझ से जिहादी है तू
ये बताया है ...तेरे आक़ा ने कहा तुझ से जिहादी है तू <br />ये बताया है की जन्नत का भी दा'ई है तू<br /> और शहादत की ही मंज़िल का सिपाही है तू<br /> इन में से कुछ भी नहीं सिर्फ़ फ़सादी है तू <br /><br />आज जिस तरह की विश्वस्तरीय दहशतगर्दी मची हुई है उसके मद्देनजर खरी खरी ही सुनाने का वक्त आ गया है। ये बताने का वक्त कि जेहनजदा लोग अम्न और भाईचारा के पक्ष में तब भी थे, अब भी हें और हमेशा रहेंगे.<br />बेहद उम्दा प्रस्तुतिkumar zahidhttps://www.blogger.com/profile/16434201158711856377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-80311192644287571262011-12-13T23:56:24.450+05:302011-12-13T23:56:24.450+05:30बहुत ही जोशीली नज़्म है...कई सवाल उठाते हुए..
काश ...बहुत ही जोशीली नज़्म है...कई सवाल उठाते हुए..<br />काश सबलोग इस ज़ज्बात को समझ जाएँ...तो फिर ये दुनिया रहने लायक हो जाए<br />बेहद अर्थपूर्ण रचनाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-38323599829243354772011-12-08T16:11:23.211+05:302011-12-08T16:11:23.211+05:30नज़्म की शक्ल में खिराज ए अक़ीदत लाजवाब है..... क्...नज़्म की शक्ल में खिराज ए अक़ीदत लाजवाब है..... क्या खूब नज़्म है.... !!! शुक्रियाPawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-77220330121083299122011-12-06T21:09:22.295+05:302011-12-06T21:09:22.295+05:30shaheedon ko naman.
aur aapki lekhni ka aabhar.shaheedon ko naman.<br />aur aapki lekhni ka aabhar.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-3804716204463917952011-12-06T16:38:08.437+05:302011-12-06T16:38:08.437+05:30नज़्म ने दिल को छू लिया ! बार बार पढ़ने को जी चाह...नज़्म ने दिल को छू लिया ! बार बार पढ़ने को जी चाहता है !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-16954835453036891772011-12-05T17:25:48.802+05:302011-12-05T17:25:48.802+05:30आपकी नज़्म पढ़ के साहिर लुधियानवी जी की नज्में याद...आपकी नज़्म पढ़ के साहिर लुधियानवी जी की नज्में याद हो आई ... बहुत ही गहरी ... और दिल से निकली आवाज़ है ... बहुत सी जुबानों को अपनी कलम का सहारा दे कर इस ज़ज्बे को लिखा है आपने ... नमन है आपकी लेखनी को ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-26215693665468164552011-12-05T16:58:28.687+05:302011-12-05T16:58:28.687+05:30"आज दे मुझ को ज़रा चंद सवालों के जवाब
माँओं ..."आज दे मुझ को ज़रा चंद सवालों के जवाब <br />माँओं की आँख में आंसू हों तो जन्नत कैसी ?<br />बेगुनाहों का तू क़ातिल है ,,शहादत कैसी ?<br /> धोके से मारते हो,, कैसे जिहादी हो तुम ?<br />ख़ौफ़ ए अल्लाह नहीं कैसे नमाज़ी हो तुम ?"<br />सबसे सुन्दर पंक्तियाँ । वाकई अच्छा लगा आपको पढकर। <br /> ज़ैदी जी, आपकी टिपण्णी मेरे ब्लॉग पोस्ट पर तो नहीं दिख रही, कारण मुझे भी मालुम नहीं लेकिन मेल में मुझे मिली थी आपने लिखा है मेरी बातों को अन्यथा नहीं लेंगे। मैं स्पष्ट बता दूँ मैं किन्ही की बातों को अन्यथा नहीं लेता, इसका सवाल ही नहीं उठता। मैंने जो लिखा बेशक अपने नजरिये से लिखा है ज़रुरी नहीं सब सहमत हों। I write what I feel and welcome disagreements as well, so keep reading and do comment. बल्कि मैं तो ऐसे ही लोगों को ढूंढता हूँ जो सही बताये। अच्छा लिखा है, बेहतरीन लेख कहने वाले तो बहुत हैं लेकिन वास्तविक विवेचना और आलोचना करने वाले नहीं मिलते।और आलोचना का मतलब दुर्भावना नहीं होता। आपने अपने कमेंट में यह भी लिखा है कि आप जैसे उम्र के लोगों को आशावादी होना चाहिए। बेशक, मैं भी निराशावादी नहीं हूँ। लेकिन इंसानी फ़ितरत है कि उसके दिल को चोट पहुँचती है तो वह निराश होता है इस वजह से अगर ऐसी कोई चीज़ मुझमे या मेरे लेख में आपको दिखी तो उसे मैं सहर्ष स्वीकार करता हूँ। प्यार बेशक दुनिया में जिंदा है लेकिन ज़रूरत उससे भी बड़ी चीज़ हो गई है।जो मुझे महसूस हुई। धन्यवाद।News And Insightshttps://www.blogger.com/profile/02530480097979739898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-88104965120732096302011-12-04T02:23:34.161+05:302011-12-04T02:23:34.161+05:30बहुत खूबसूरत अंदाज़ में सच पर मबनी कलाम ....लाजवाब...बहुत खूबसूरत अंदाज़ में सच पर मबनी कलाम ....लाजवाब और हैरतंगेज़ कलाम ......वतनपरस्ती का इससे खूबसूरत जज्बा दूसरा नहीं हो सकता .....खूबसूरत तखलीक के लिए बहुत मुबारकबादHadi Javedhttps://www.blogger.com/profile/14977680896918498806noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-69082305069196741252011-12-01T22:52:42.897+05:302011-12-01T22:52:42.897+05:30शर पसंदों की जमा'अत के ये शातिर मुहरे
बेकस ओ ब...शर पसंदों की जमा'अत के ये शातिर मुहरे<br />बेकस ओ बे बस ओ मज़लूम से इंसानों को<br />अपनी चालों के शिकंजों में फंसा लेते हैं<br />और फिर अपनी नई क़ौम बनाने के लिए<br />बर्बरीयत का हर इक खेल सिखा देते हैं...<br />बिल्कुल सही लिखा है इस्मत साहिबा...<br />और हर अम्न पसंद हिन्दुस्तानी की जानिब से माकूल जवाब भी...मुबारकबाद.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-60206934646157989862011-11-29T21:19:10.142+05:302011-11-29T21:19:10.142+05:30नाम इस्लाम का लेते हो तो बदकारी क्यों ?
ये वो मज़ह...नाम इस्लाम का लेते हो तो बदकारी क्यों ?<br />ये वो मज़हब है जो इन्सान को इन्सान बनाए<br />ये वो मज़हब जो अ्ख़ूवत का ही एहसास कराए<br />नाम ले कर इसी मज़हब का चले आते हो <br />औरतों , बच्चों पे भी रहम नहीं खाते हो <br />बेगुनाहों के लहू से जो नहा लेते हो <br /><br />लगा ले पहरा अपने नापाक इरादों को हटा दे वरना रोक देंगे तेरे बढ़ते हुए क़दमों को वहीँ ये जवानान ए वतन , शान ए वतन , जान ए वतन और महफ़ूज़ भी रखेंगे वही आन ए वतन <br /><br />बेहद सुंदर जज़बातों से भरपूर रचना ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-64747450059046955632011-11-28T21:55:37.412+05:302011-11-28T21:55:37.412+05:30अत्यंत सार्थक रचना....शहीदों को नमन
यह भी पढ़िए २६/...अत्यंत सार्थक रचना....शहीदों को नमन<br /><a href="http://smhabib1408.blogspot.com/2011/11/blog-post_25.html" rel="nofollow">यह भी पढ़िए २६/११</a><br /><br />सादर....S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-4590810198909160362011-11-28T20:51:15.862+05:302011-11-28T20:51:15.862+05:30लाज़बाब ..बहुत खूब । शुक्रिया ।लाज़बाब ..बहुत खूब । शुक्रिया ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-35387149401300604042011-11-28T18:55:42.332+05:302011-11-28T18:55:42.332+05:30बहुत ही सुन्दर रचना.... ....बहुत ही सुन्दर रचना.... ....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-24023234103705845992011-11-27T22:19:09.086+05:302011-11-27T22:19:09.086+05:30आपा,
जात से, धर्म से, मज़हब से...अब कोफ़्त होती है...आपा,<br />जात से, धर्म से, मज़हब से...अब कोफ़्त होती है...<br /><br />इन सब से ऊपर वाला कम से कम मुझे तो दूर ही रखे..<br /><br /><br />और फिर अपनी नयी कौम बनाने के लिए<br />बर्बरीयत का हर इक खेल सिखा देते हैं ..<br /><br />यही सच है...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-81936514457482604642011-11-27T15:17:18.992+05:302011-11-27T15:17:18.992+05:30ये वो मज़हब है जो इन्सान को इन्सान बनाए
ये वो मज़...ये वो मज़हब है जो इन्सान को इन्सान बनाए <br />ये वो मज़हब जो अखूवत का ही एहसास कराए<br />.......<br /> आज दे मुझ को ज़रा चंद सवालों के जवाब <br />माँओं की आँख में आंसू हो तो जन्नत कैसी <br />बेगुनाहों का तू क़ातिल है ,,शहादत कैसी <br /> धोके से मारते हो कैसे जिहादी हो तुम <br />खौफ़ ए अल्लाह नहीं कैसे नमाज़ी हो तुम<br /><br />इस पुर-असर नज़्म के हवाले से <br />समाज,कौम और मुल्क से जुड़े हुए <br />कई ऐसे सवालों को छुआ गया है जिनका जवाब दे पाने में <br />हम अक्सर नाकामयाब रहते हैं .... <br />शब्दावली , कहीं अन्दर तक झकजोरे जा रही है <br />बानगी में साहिर और फ़ैज़ की झलक भी मिल रही है <br />वाह !!daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-80421226366895912752011-11-26T23:31:54.972+05:302011-11-26T23:31:54.972+05:30सवाल यह खत्म नहीं होते
धोखे मन से गुम नहीं होते
...सवाल यह खत्म नहीं होते<br /><br />धोखे मन से गुम नहीं होते<br /><br /><br />अमन चैन की राह में कांटे हैंअविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-730675160613517122011-11-26T21:03:23.076+05:302011-11-26T21:03:23.076+05:30तेरे आक़ा ने कहा तुझ से जिहादी है तू
ये बताया है ...तेरे आक़ा ने कहा तुझ से जिहादी है तू <br />ये बताया है की जन्नत का भी दा'ई है तू <br />और शहादत की ही मंज़िल का सिपाही है तू <br />इन में से कुछ भी नहीं सिर्फ़ फसादी है तू <br /><br />चंद पंक्तियां यहां लिख दी हैं तुम्हारी नज़्म की, और सोच रही हूं कि कितनी मजबूती के साथ तुमने केवल अपनी नहीं, बल्कि हम सबकी बात, पूरे मुल्क की बात इस नज़्म के ज़रिए कह दी!! <br /><br />आज दे मुझ को ज़रा चाँद सवालों के जवाब <br />माँओं की आँख में आंसू हो तो जन्नत कैसी ?<br />बेगुनाहों का तू क़ातिल है ,,शहादत कैसी ?<br />धोके से मारते हो कैसे जिहादी हो तुम ?<br />खौफ़ ए अल्लाह नहीं कैसे नमाज़ी हो तुम ?<br /><br />कब से ऐसे ही सवाल तो घुमड़ रहे हैं ज़ेहन में!! तुमने तो मेरे भावों को भी श्ब्द दे दिये. बहुत सच्ची नज़्म है इस्मत, एकदम दिल से लिखी गयी, बल्कि तक़लीफ़ से लिखी गयी. बहुत मन है, इस नज़्म पर एक कविता-पोसटर बनाने का, अगर तुम इज़ाज़त दो तो.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-35149911975797186162011-11-26T20:58:17.254+05:302011-11-26T20:58:17.254+05:30तारीफ़ के लायक अल्फाज नहीं हैं मेरे पास| आपके जज्ब...तारीफ़ के लायक अल्फाज नहीं हैं मेरे पास| आपके जज्बे को सलाम करता हूँ |अमरनाथ 'मधुर'امرناتھ'مدھر'https://www.blogger.com/profile/02686172394497853767noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-83617349081650154472011-11-26T19:58:44.090+05:302011-11-26T19:58:44.090+05:30आज दे मुझ को ज़रा चाँद सवालों के जवाब
माँओं की आँ...आज दे मुझ को ज़रा चाँद सवालों के जवाब <br />माँओं की आँख में आंसू हो तो जन्नत कैसी ?<br />बेगुनाहों का तू क़ातिल है ,,शहादत कैसी ?<br /> धोके से मारते हो कैसे जिहादी हो तुम ?<br />खौफ़ ए अल्लाह नहीं कैसे नमाज़ी हो तुम ?<br />... इसे कहते हैं विचारों का सही जज्बारश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-28562918522045899122011-11-26T19:39:17.976+05:302011-11-26T19:39:17.976+05:30बहुत खूब !बहुत खूब !Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-37540105617288132382011-11-26T17:03:23.770+05:302011-11-26T17:03:23.770+05:30प्रत्येक शब्द भावमय करता हुआ ..बेहतरीन ।प्रत्येक शब्द भावमय करता हुआ ..बेहतरीन ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-40941163019693166452011-11-26T15:37:52.242+05:302011-11-26T15:37:52.242+05:30बहुत खूब..बहुत खूब..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com