tag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post4049553531093793956..comments2023-07-06T18:51:05.270+05:30Comments on शिफ़ा कजगाँवी - شفا کجگاونوی : तमन्ना- ए- चराग़- ए- दीवालीइस्मत ज़ैदीhttp://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-41658165145532509832010-11-26T09:53:13.957+05:302010-11-26T09:53:13.957+05:30आपका ब्लॉग ग़ज़लों और नज्मों का खज़ाना है.. किसी दिन ...आपका ब्लॉग ग़ज़लों और नज्मों का खज़ाना है.. किसी दिन फुर्सत में सब सब की आराम से बैठ कर पढूंगा...Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-4331829193604048322010-11-15T13:58:20.098+05:302010-11-15T13:58:20.098+05:30मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में
उन्हें दि...मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में<br />उन्हें दिखाऊं ज़िया जो पले गुनाहों में<br />मैं इक मिसाल बनूं ग़ैर के दयारों में<br />बसी हो प्रेम की बस्ती मेरे शरारों में<br />बड़े सुन्दर शब्दों में कोमल भाव पिरोये हैं।VIJAY KUMAR VERMAhttps://www.blogger.com/profile/06898153601484427791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-15154980262423325492010-11-12T18:33:12.339+05:302010-11-12T18:33:12.339+05:30बहुत प्यारी नज्म है। मुबारक हो।
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मिलिए...बहुत प्यारी नज्म है। मुबारक हो।<br /><br />---------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">मिलिए तंत्र मंत्र वाले गुरूजी से।</a><br /><a href="http://bm.samwaad.com/" rel="nofollow">भेदभाव करते हैं वे ही जिनकी पूजा कम है।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-67087899770291418322010-11-10T21:02:20.530+05:302010-11-10T21:02:20.530+05:30मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में
उन्हें दि...मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में<br />उन्हें दिखाऊं ज़िया जो पले गुनाहों में<br />मैं इक मिसाल बनूं ग़ैर के दयारों में<br />बसी हो प्रेम की बस्ती मेरे शरारों में<br />..आमीन।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-7417944390999644602010-11-08T23:41:51.630+05:302010-11-08T23:41:51.630+05:30आम आदमी के हित में मह्त्वपूर्ण योगदान।
सराहनीय लेख...आम आदमी के हित में मह्त्वपूर्ण योगदान।<br />सराहनीय लेखन....हेतु बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ<br />चिठ्ठाकारी के लिए, मुझे आप पर गर्व।<br />मंगलमय हो आपको, सदा ज्योति का पर्व॥<br />सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-26684705097303430122010-11-06T17:35:29.610+05:302010-11-06T17:35:29.610+05:30vaah...kya baat hai.har laain dil ko chhoo rahi ha...vaah...kya baat hai.har laain dil ko chhoo rahi hai.badhai iss soch aur iss shilp ke liye...girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-15190257174305017712010-11-06T16:10:59.690+05:302010-11-06T16:10:59.690+05:30वाह इस्मत जी वाह...नज़्म पढता गया और दिल से आपको द...वाह इस्मत जी वाह...नज़्म पढता गया और दिल से आपको दुआएं देता गया...ये नज़्म माखन लाल चतुर्वेदी जी की अमर काव्य रचना "पुष्प की अभिलाषा" से भी आगे की है...<br />क्या कहूँ आपकी कलम का कायल हूँ...आपके इस ज़ज्बे को सलाम.<br /><br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-36799333556046936632010-11-06T09:59:11.027+05:302010-11-06T09:59:11.027+05:30दिवाली मुबारक हो आपा...कोई ज़्यादा लेट नहीं हुए हैं...दिवाली मुबारक हो आपा...कोई ज़्यादा लेट नहीं हुए हैं हम...<br /><br />दीये की ख्वाहिश पढ़ कर लगा कि मैं खुद भी दीया होता और सोच सकता तो ऐसा ही कुछ सोचता...<br />सबसे अच्छा ये लगा कि आपको दिवाली पर दीये को देखकर कोई ख्याल आया....रोकेट,अनार,बम्ब,पटाखे जैसी महंगी और प्रदुषण फैलाने वाली चीजों को देखकर नहीं...<br /><br /><br /><br />है अब यक़ीन कि पूरे करूंगा ये अरमां<br />बदलती फ़िक्र ने मंज़िल के दे दिये हैं निशा<br />मैं उन को याद दिलाऊंगा देश के एहसां<br />जो कर चुके हैं फ़रामोश अपनी धरती मां<br /><br />आपकी नज़्म के इस नायक की हर ख्वाहिश पूरी हो...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-11818109266446805902010-11-05T15:30:39.497+05:302010-11-05T15:30:39.497+05:30गहन अर्थों को समेटती एक खूबसूरत और भाव प्रवण प्रस्...गहन अर्थों को समेटती एक खूबसूरत और भाव प्रवण प्रस्तुति. आभार.<br /><br />इस ज्योति पर्व का उजास<br />जगमगाता रहे आप में जीवन भर<br />दीपमालिका की अनगिन पांती<br />आलोकित करे पथ आपका पल पल<br />मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष<br />सुख समृद्धि शांति उल्लास की<br />आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर<br /><br />आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.<br />सादर <br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-20297068716369456202010-11-04T17:45:43.943+05:302010-11-04T17:45:43.943+05:30"मेरी ज़िया से हर इक सिम्त में उजाला हो
कि झ..."मेरी ज़िया से हर इक सिम्त में उजाला हो <br />कि झूठ कोई नहीं सच का बोलबाला हो <br />मेरा वजूद ग़रीबों के घर का हाला हो<br />मेरी वो रौशनी पाए कि जो जियाला हो"<br /><br />"मैं इक मिसाल बनूं ग़ैर के दयारों में<br />बसी हो प्रेम की बस्ती मेरे शरारों में"<br /><br />आपकी क़लम में जादू है.<br />बेहतरीन नज़्म.<br />आपको भी दीवाली बहुत बहुत मुबारक हो<br /><br />कुँवर कुसुमेशKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-87098466784096355872010-11-04T14:50:54.815+05:302010-11-04T14:50:54.815+05:30कलम के कलाकार हो दिए से ही ख्यालों ने .खूबसूरत रचन...कलम के कलाकार हो दिए से ही ख्यालों ने .खूबसूरत रचना रच दी ...दीपावली की बहुत बहुत बधाई ...शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-2288462498249630302010-11-04T12:42:44.382+05:302010-11-04T12:42:44.382+05:30मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में
उन्हें दि...मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में<br />उन्हें दिखाऊं ज़िया जो पले गुनाहों में<br />मैं इक मिसाल बनूं ग़ैर के दयारों में<br />बसी हो प्रेम की बस्ती मेरे शरारों में<br /><br />इस्मत जी इतनी पाक ख्याली है आपकी जुबां में कि बस आपके लफ़्ज़ों को पढ़कर दुआ ही निकलती है ....<br />रब्ब आपको और तौफीक और एखलाकियात दे .....आपकी कलम यूँ ही मुख्लिस सी चलती रहे ......आमीन ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-46412546377707178282010-11-03T22:58:12.847+05:302010-11-03T22:58:12.847+05:30मेरी ज़िया से हर इक सिम्त में उजाला हो
कि झूठ कोई ...मेरी ज़िया से हर इक सिम्त में उजाला हो<br />कि झूठ कोई नहीं सच का बोलबाला हो<br />मेरा वजूद ग़रीबों के घर का हाला हो<br />मेरी वो रौशनी पाए कि जो जियाला हो...<br /><br />दिए के मन के एक एक भाव पढ़ लिए हो जैसे...<br />बहुत ही प्रेरणादायी रचनाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-48996346221761207512010-11-03T18:58:43.410+05:302010-11-03T18:58:43.410+05:30बिलकुल,, बिलकुल,,
आपकी बात से तो हर कोई इत्तेफ़ा...बिलकुल,, बिलकुल,, <br />आपकी बात से तो हर कोई इत्तेफ़ाक़ करेगा<br />ऐसे सच्चे और पावन विचार पढ़ कर <br />भला कौन खुद को रोक पाएगा<br />इंसानियत के सादिक़ जज़्बे को बलंद रखने की<br />आपकी ये कोशिश लफ्ज़-लफ्ज़ हर इंसान के दिल में उतर रही है<br />नज़्म के सभी बंद अपनी मिसाल खुद बन पड़े हैं<br />शिल्प और शैली के लिहाज़ से भी<br />एक कामयाब और यादगार नज़्म कही है आपने<br />कोई शक नहीं कि माखन लाल चतुर्वेदी और<br />सुभद्रा चौहान जी की याद ताज़ा हो आई है <br />मुबारकबाद .<br />"मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में<br /> उन्हें दिखाऊं ज़िया जो पले गुनाहों में<br /> मैं इक मिसाल बनूं ग़ैर के दयारों में<br /> बसी हो प्रेम की बस्ती मेरे शरारों में..."<br /> वाह !!daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-86851666040532762912010-11-03T15:33:15.499+05:302010-11-03T15:33:15.499+05:30बहुत सुन्दर, बेहतरीन,
दीपावली की ढेर सारी शुभकामना...बहुत सुन्दर, बेहतरीन,<br />दीपावली की ढेर सारी शुभकामना!nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-48513042361285797622010-11-03T15:09:10.681+05:302010-11-03T15:09:10.681+05:30मैं चाहता हूं जलूं देश की हिफ़ाज़त में
मैं चाहता ह...मैं चाहता हूं जलूं देश की हिफ़ाज़त में<br />मैं चाहता हूं जलूं इल्म की रेयाज़त में<br />मैं चाहता हूं जलूं अह्द की सदाक़त में<br />मैं चाहता हूं जलूं क़ौम की रेफ़ाक़त में<br />बहुत खुब जी हम सब का यही जज्बा हो तो कितना अच्छा हो, बहुत सुंदर रचना धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-14780110506786705342010-11-03T09:44:44.050+05:302010-11-03T09:44:44.050+05:30मेरी ज़िया से हर इक सिम्त में उजाला हो
कि झूठ कोई...मेरी ज़िया से हर इक सिम्त में उजाला हो <br />कि झूठ कोई नहीं सच का बोलबाला हो <br />मेरा वजूद ग़रीबों के घर का हाला हो<br />मेरी वो रौशनी पाए कि जो जियाला हो...<br /><br />आपके जज़्बे को सलाम...बहुत अच्छी नज़्म है, जिसमें सबके लिए पैग़ाम है.<br /><br />सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-71292791814804795782010-11-03T08:44:44.695+05:302010-11-03T08:44:44.695+05:30बड़े सुन्दर शब्दों में कोमल भाव पिरोये हैं।बड़े सुन्दर शब्दों में कोमल भाव पिरोये हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-3867024020018422682010-11-03T07:45:40.173+05:302010-11-03T07:45:40.173+05:30मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में
उन्हें दि...<strong>मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में<br />उन्हें दिखाऊं ज़िया जो पले गुनाहों में<br />मैं इक मिसाल बनूं ग़ैर के दयारों में<br />बसी हो प्रेम की बस्ती मेरे शरारों में!<br /><br />आपकी यह दुआ अवश्य कबूल हो मैं आपके साथ शामिल हूँ ! सुबह सुबह इतनी आनंदमय रचना के लिए धन्यवाद ! दीवाली के अवसर पर यह बेहतरीन रचना होगी ! आपका धन्यवाद !<br />दीवाली पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें !</strong>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-64014587654639125112010-11-03T00:48:53.626+05:302010-11-03T00:48:53.626+05:30मैं चाहता हूं जलूं देश की हिफ़ाज़त में
मैं चाहता ह...मैं चाहता हूं जलूं देश की हिफ़ाज़त में<br />मैं चाहता हूं जलूं इल्म की रेयाज़त में<br />मैं चाहता हूं जलूं अह्द की सदाक़त में<br />मैं चाहता हूं जलूं क़ौम की रेफ़ाक़त में<br />bahut hi shaandaar .is deep parv ki dhero badhaiyaan .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8138012995366804313.post-81118766019476494492010-11-03T00:14:33.269+05:302010-11-03T00:14:33.269+05:30मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में
उन्हें दि...मैं उन को रौशनी दूं जो पढ़ें चराग़ों में<br />उन्हें दिखाऊं ज़िया जो पले गुनाहों में<br />मैं इक मिसाल बनूं ग़ैर के दयारों में<br />बसी हो प्रेम की बस्ती मेरे शरारों में<br /><br />ईश्वर आपकी और आपके दिये की इन तमाम शुभेच्छाओं को पूरा करे. बहुत सुन्दर नज़्म है इस्मत.<br />आज इन्सानियत की इन पवित्र भावनाओं की बहुत ज़रूरत है देश को, देशवासियों को, इन्हें सम्हाले <br />रखना. दीपोत्सव तुम्हें बहुत बहुत मुबारक हो.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.com